900 रुपए कट्टा बिक रहा, व्यापार बगैर मुनाफे वाला चल रहा त्योहार की मांग नहीं आने से आटा व्यापार ठंडा पड़ गया। जुलाई माह में गेहूं और आटे की बड़ी मांग नहीं आने से गेहूं और आटे के भाव की तेजी भी समाप्त मानी जा रही है। सरकार ने गेहूं पर आयात ड्यूटी नहीं हटाई और गेहूं भी नहीं मंगवाया। इधर मंडियों में गेहूं की किसानी आवक अच्छी होने से महंगे की स्थिति नहीं है। मैदा बनाने के लिए इम्पोर्टेड गेहूं विदेश से साउथ लाइन पर आ रहा है। अनुबंध के तहत मैदा, आटा बनाकर विदेश भेज भी जाता है। इधर उत्तरप्रदेश तरफ का आटा उज्जैन में सस्ता बिक रहा। ऐसे में रिटेलर आटा वाले लोकल प्लांटों से महंगा आटा नहीं खरीदते हैं। मंडी में एक नई यूनिट आटे की लग गई है। इसमें निर्माण भी शुरू हो गया है। उज्जैन में किंग भोग आटा और ग्रीवा सीहोरी आटा अधिक बिकता है। कारोबारी महेंद्र सिंहल के अनुसार आटा व्यापार बगैर मुनाफे वाला चल रहा है। 900 रुपए प्रति कट्टा आटा बिक रहा है। स्टाक वलों, किसानों और सरकार के पास गेहूं होने से महंगे की संभावना नाममात्र की ही मानी जा रही है। अगर ऐसी स्थिति आएगी तो विदेश से गेहूं भी आ सकता है। इस समय के भाव तेजी वाले ही बताई जा रहे हैं। श्रावण मास के चलते आटा का उपयोग कम होने से इस समय व्यापार अभाव की स्थिति बन रही है।