इंदौर में संस्था सृजन की तीर्थयात्रा पर मातृशक्तियां हुई रवाना:हजारों मातृशक्तियों ने कैबिनेट मंत्री विजयवर्गीय का 11 लाख पौधारोपण करने पर किया अभिनंदन

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संस्था सृजन ने सावन मास में ओंकारेश्वर ममलेश्वर तीर्थयात्रा चौथे दिन कुशवाह नगर से तीर्थयात्रा निकाली। हजारों मातृशक्तियों ने कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का 11 लाख पौधारोपण का वर्ल्ड रिकॉर्ड होने पर अभिनंदन किया। सामाजिक समरसता के संदेश के साथ ओंकारेश्वर के लिए पांच हजार से अधिक मातृशक्तियां ओंकारेश्वर तीर्थयात्रा पर रवाना हुईं। यात्रा में शामिल मातृशक्तियों ने 23 लाख ऊँ नम: शिवाय के मंत्रों का जाप किया। यात्रा के दौरान हजारों मातृशक्तियों ने ओंकारेश्वर पहुंचकर पौधारोपण किया। नर्मदा मैया को चुनरी चढ़ाई। श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण भी किया। संस्था सृजन अध्यक्ष कमलेश खंडेलवाल, महेश दलोद्रा, तनुजा खंडेलवाल ने बताया कि सावन माह में ओंकारेश्वर ममलेश्वर ज्योर्तिलिंग की 10 चरणों में शामिल होने वाली 40 हजार मातृशक्तियों की यात्रा के चौथे दिन कुशवाह नगर से 80 कालोनी की 100 से अधिक विभिन्न समाजों की हजारों मातृशक्तियां परिवार सहित बसों और कारों से ओंकारेश्वर ममलेश्वर के लिए रवाना हुई, जिसमें हजारों मातृशक्तियां सामाजिक समरसता के संदेश को लेकर यात्रा पर निकली। यात्रा में केबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय शामिल हुए। यात्रा ढोल- धमाके के साथ निकाली गई, जिसमें हजारों महिलाएं झूमती-नाचती हुई चली। यात्रा में कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि चार महीने भगवान विष्णु शयन पर चले जाते हैं। इन चार महीने में भगवान भोलेनाथ सृष्टि को संभालते हैं। संस्था सृजन द्वारा निकाली तीर्थ यात्रा की चर्चा इंदौर ही नहीं पूरे प्रदेश भर में हो रही है। हजारों मातृशक्तियां प्रतिदिन सावन में तीर्थ दर्शन पर जाती है। यह यात्रा महामंडलेश्वर उत्तम स्वामीजी के सान्निध्य में निकाली जा रही है। कमलेश खंडेलवाल ने बताया कि रविवार को यात्रा कुशवाह नगर से निकाली गई, जो ओंकारेश्वर ममलेश्वर पहुंची। वहां पर महिलाओं द्वारा पार्थिव शिवलिंग का निर्माण किया गया। यात्रा के अवसर पर शामिल होने वाली मातृशक्तियों ने ॐ नम शिवाय का जाप किया। सभी मातृशक्तियों ने 23 लाख मंत्रों का जाप किया और ओंकारेश्वर में पार्थिव शिवलिंग का पूजन किया। उसके बाद श्रीमद् भागवत कथा में शामिल होकर कथा का श्रवण किया। यह कथा विवेकानंद महाराज के मुखारविंद हो रही है। कथा में उन्होंने कहा कि जीवन में सत्कर्म हमेशा करना चाहिए। उसके बाद चुनरी यात्रा भी निकाली गई। महिलाओं ने मां नर्मदा को चुनरी ओढ़ाई। कमलेश खंडेलवाल ने बताया कि सोमवार को सुखदेव नगर से यात्रा निकाली गई।