इंदौर के एक जज की नामजद शिकायत राष्ट्रपति, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई), राष्ट्रीय महिला आयोग, इंदौर हाई कोर्ट के प्रशासनिक जज से की है। रेप पीड़िता ने शपथ पत्र भी दिया है। यह शिकायत स्पीड पोस्ट से भेजी गई है। इंदौर की रेप पीड़िता ने शिकायत में कहा है कि जज ने कोर्ट रूम का बंद दरवाजा खुलवाकर मेरे बयान लिए। मुझसे ऐसे सवाल पूछे कि सिर शर्म से झुक गया। ऐसा होते देख कोर्ट रूम में मौजूद सभी लोग हंस रहे थे। जज ने मुझे बाजारु लड़की कहा, पूछा कि तुम्हें रेप के बाद पैसे मिल गए कि नहीं? इतना ही नहीं खुद के लिए कहा कि मैं भी जिन्स-टी शर्ट पहनकर निकलूंगा तो तुम्हारे जैसी लड़कियां मेरे साथ घूमने निकल जाएंगी। जिन शब्दों के साथ न्यायाधीश महोदय ने मेरे चरित्र का हनन कर और स्त्रियोचित गरिमा का हनन किया है। वह वापस लौटना संभव नहीं है। मुझे न्याय नहीं दिलवा सकते तो इच्छा मृत्यु की अनुमति प्रदान करें। जिस प्रकार से न्यायाधीश महोदय के द्वारा मेरे साथ अश्लील तरीके से चर्चा की गई है। आरोपी के वकील को जैसा विश्वास दिलाया गया उससे ऐसा लग रहा है कि, मुझे उनके न्यायालय में न्याय नहीं मिलेगा। 25 जुलाई को कोर्ट में रेप पीड़िता के बयान में ये हुआ रेप पीड़िता ने शिकायत में कहा कि अशरफ मंसूरी व अन्य के खिलाफ जूनी इंदौर थाने में एससी एसटी एक्ट, रेप और लव जिहाद की शिकायत दर्ज कराई थी। इस केस में इंदौर की जिला कोर्ट में मेरे बयान के प्रति परीक्षण होना थे। जज ने आरोपी अशरफ अंसारी के वकील को रोकते हुए कहा कि इस प्रकार की लडकियों का प्रतिपरीक्षण तो मैं स्वयं ही करता हूँ। उन्होंने प्रतिपरीक्षण से पहले कोर्ट रूम के बंद दरवाजे खुलवा दिए। प्रतिपरीक्षण शुरू होते ही जज ने पूछा कि एक गाड़ी में कैसे रेप हो सकता है? रेप के बाद तुम्हें रुपए मिल गए थे? मैंने अपने वकील के माध्यम से इस पर आपत्ति ली तो जज ने उन्हें डांटकर चुप कर दिया। इसके बाद वे यहीं नहीं रुके। जज ने आगे कहा कि जब मैं जीन्स टी शर्ट पहनकर निकलूंगा तो इस प्रकार की लड़कियां मेरे साथ घूमने निकल जाएंगी। आजकल इस तरह की बाजारु लड़कियों का कोई चरित्र नहीं बचा है। और ये रुपए लेने की नीयत से झूठे केस दर्ज कराती हैं। इस पर वहां मौजूद आरोपी के वकील सहित सभी लोग ठहाके मारकर हंस रहे थे। इस तरह के कई लज्जा जनक शब्दों का प्रयोग उन्होंने किया। इस तरह के शब्दों का प्रयोग तो पुलिसवालों ने भी मेरे साथ नहीं किया। इससे मेरे हृदय में न्याय के मंदिर की छवि धूमिल हो गई। मुझे लगा कि इस जीवन का औचित्य ही नहीं बचा। अब जान लीजिए पीड़िता कैसे हुई लव जिहाद का शिकार 2019 में हेलो एप के माध्यम से 23 वर्षीय पीड़िता की आरोपी युवक अशरफ मंसूरी उम्र 24 साल से दोस्ती हुई। तब आरोपी ने अपना नाम आशु बताया था और कहा था कि वो हिन्दू है। बाद में युवक की असलियत सामने आ गई। इस बीच आरोपी ने शादी का झांसा देकर पीड़िता के साथ कई बार शारीरिक संबंध बनाए। उस पर धर्म परिवर्तन करने के लिए दबाव बनाया। आरोपी ने जब शादी करने से मना कर दिया तो पीड़िता 12 दिसंबर 2023 को जूनी इंदौर थाने पहुंची। पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी युवक के खिलाफ धारा 376, 354, अनुसूचित जाती एवं अनुसूचित जनजाति अधिनियम, मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत केस दर्ज कर लिया। मामले में इंदौर जिला कोर्ट में सुनवाई चल रही है। आरोपी युवक केस दर्ज होने के बाद से जेल में है। ये बोले वकील 25 जुलाई को मामले में माननीय न्यायाधीश महोदय ने पीड़िता से प्रतिपरीक्षण किया था। इस दौरान पीड़िता के साथ अभद्र भाषा का उपयोग किया और अश्लील सवाल किए। स्त्री लज्जा का ध्यान नहीं रखा। पीड़िता की ओर से इस संबंध में राष्ट्रपति, जीफ जस्टिस ऑफ इंडिया, राष्ट्रीय महिला आयोग सहित अन्य जगह शिकायत की गई है। न्याय नहीं मिल सकता है तो पीड़िता ने इच्छा मृत्यु की अनुमति मांगी है। – प्रशांत वर्मा, एडवोकेट।