सकल दिगंबर जैन समाज इंदौर दयोदय चैरिटेबल फाउंडेशन ट्रस्ट और छत्रपतिनगर दिगंबर जैन समाज ट्रस्ट की ओर से विनम्र सागर महाराज ससंघ का चातुर्मास प्रवेश और चातुर्मास कलश स्थापना महोत्सव रविवार को दलालबाग में आयोजित किया गया। इस दौरान छत्रपतिनगर स्थित जैन जिनालय से मुनिश्री का मंगल प्रवेश जुलूस भी निकाला गया। जिसमें मुनि ससंघ सहित बड़ी सख्या में समाजजन शामिल हुए। दिगंबर जैन समाज के मीडिया प्रभारी राजेश जैन दद्दू ने बताया कि मुनिश्री विनम्र सागर महाराज ससंघ का चार्तुमास कलश स्थापना भारी बारिश के साथ भव्यता के साथ संपन्न हुआ। रविवार को मुनिश्री विनम्र सागर महाराज ने इंदौर में विराजित सभी साधु-संतों माताओं त्यागी व्रतियों को बिना संतवाद पंथवाद के 2024 के चातुर्मास कलश स्थापना में आमंत्रित कर बहुत अच्छा संदेश दिया। इस दौरान शहर में विराजित सभी साधु-संतों को आमंत्रित किया। इस मांगलिक अवसर पर आचार्यश्री उदार सागर महाराज ससंघ, मुनिश्री पूज्य सागर महाराज, आर्यिका सुनयमति माताजी संसघ उपस्थित हुए। राजेश जैन दद्दू ने बताया कि मुनिश्री नाम गुण विनम्र सागर नाम के अनुसार उतने ही विनम्र है और वाणी भूषण है, उनकी वाणी में श्रावकों को प्रभावित करने का वत्सलमयी आशीर्वाद होता है। मुनिश्री के चातुर्मास कलश स्थापना कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, सांसद शंकर लालवानी एवं दिगंबर जैन समाज सामाजिक संसद के अध्यक्ष राजकुमार पाटोदी, सुशील पांड्या, मंत्री डॉ. जैनेंद्र जैन, अमित कासलीवाल, एम के जैन, आजाद जैन, हंसमुख गांधी, राजेश लारेल, भुपेंद्र जैन, कमल जैन, मनीष नायक, मनोज मुकेश बाकलीवाल, दीपक जैन टीनू, प्रदीप बडजात्या, राजू अलबेला, परवार समाज महिला संगठन की अध्यक्ष मुक्ता जैन, सारिका जैन, पुष्पा कासलीवाल, सरला सामरिया एवं कई वरिष्ठ नेता अधिकारी समाज सेवियों ने आकर आयोजन की शोभा बढ़ाई। भारी बारिश के बावजूद भी इतना विशाल पंडाल छोटा पड़ गया। कार्यक्रम में कलश लेने वालों और दान देने वालों की होड़ सी मच गई, जैसे-जैसे बारिश बढ़ रही थी उससे ज्यादा बोली और पैसे की बोली बढ़ रही थी। मंच संचालन बाल ब्रह्मचारी अविनाश भैया ने बहुत गरिमामय और व्यवस्थित रूप से किया। कार्यक्रम के आयोजक समिति दयोदय चेरिटेबल ट्रस्ट एवं आदिनाथ दिगंबर जैन धार्मिक पारमार्थिक ट्रस्ट छत्रपति नगर के संयुक्त तत्वावधान में संपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किया गया। आभार विपुल बांझल ने माना।