अव्यवस्था:निगम का कंट्रोल रूम रात में असहाय, सिर्फ सूचना हो रही दर्ज, मदद करने नहीं भेज पा रहा कर्मचारी

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शहर में हो रही बारिश से जगह-जगह हो रहे जलभराव से परेशान लोगों की मदद के लिए नगर निगम द्वारा कंट्रोल रूम बनाया गया है। दावा किया जा रहा है कि जलभराव से निपटने के लिए कंट्रोल रूम में 10 जेसीबी, डंपर एवं आवश्यक उपकरण सहित 24 घंटे कर्मचारी तैनात किए गए हैं। हकीकत यह है कि ​निगम का यह कंट्रोल रूम रात में असहाय साबित हो रहा है। शनिवार की रात हुई बारिश से वृंदावन वार्ड स्थित श्रीराम नगर कॉलोनी में जलभराव होने से कुछ घरों में भी पानी भरा। रात करीब 12.30 बजे बनी ऐसी आपात स्थिति में यहां के रहवासी पीके श्रीवास्तव ने निगम के कंट्रोल रूम पर कॉल किया तो उन्होंने कहा कि आपकी शिकायत उचित कार्रवाई के लिए भेजी जा रही है। इसके बाद भी कोई नहीं पहुंचा तो उन्होंने कंट्रोल रूम के प्रभारी बनाए गए उपायुक्त एसएस बघेल के मोबाइल नंबर 9131289738 पर कॉल किया तो वह बंद आया। इसके बाद लिंक अधिकारी कार्यपालन यंत्री विजय दुबे के मोबाइल नंबर 8815723613 पर कॉल किया तो पूरी घंटी जाने के बाद भी उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया। ऐसे में लोगों ने जैसे-तैसे कर पानी बाहर निकाला और रात गुजारी। रविवार को दोपहर में उपायुक्त से बात हुई। उन्होंने बताया कि मोबाइल डिस्चार्ज होने के कारण बंद था। निजी भूमि से पानी नहीं निकलने देने के कारण जलभराव की स्थिति बन रही है। सोमवार को ही संबंधित को नोटिस जारी करेंगे और जल निकासी का इंतजाम किया जाएगा। अंधमूक बधिर शाला में भर रहा पानी, विद्यार्थी परेशान शनिवार की रात हुई बारिश के चलते अंधमूक बधिर शाला परिसर में जलभराव हो गया। आवासीय परिसर की दीवारों में भी नमी आ गई। इससे दुर्गंध उठने लगी है। तेज बारिश में छत से पानी भी टपकता है। इसके बाद विद्यार्थियों ने शिकायत की परंतु इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। रविवार को विद्यार्थियों ने एक बार फिर जलभराव और टपकते पानी की समस्या सामने रखते हुए इसके निदान की बात कही। अधीक्षक प्रहलाद राय का कहना है कि पूरे परिसर में सुधार कार्य को लेकर 28 लाख का एस्टीमेट बनाया गया है, जो जिला प्रशासन ने बनवाया है। इसकी स्वीकृति मिलते ही सुधार का काम कराया जाएगा। वहीं विद्यार्थियों का कहना है कि हमारे लिए टेबल, अलमारियां आदि सामान आया है जिसका उपयोग नहीं करने दिया जा रहा है, इसे एक कमरे में बंद करके रखा गया है। शिकायत करने पर हमें परिसर से बाहर करने की धमकी दी जाती है।