संस्था सृजन द्वारा सावन मास में निकाली जा रही ओंकारेश्वर ममलेश्वर तीर्थयात्रा दूसरे दिन वृंदावन कालोनी से निकाली। बड़ी संख्या में महिलाओं ने पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया। यात्रा के दौरान मातृशक्तियों ने ओंकारेश्वर पहुंचकर पौधारोपण किया। श्रीमद् भागवत कथा में कथा का श्रवण किया। संस्था सृजन अध्यक्ष कमलेश खंडेलवाल, महेश दलोद्रा, तनुजा खंडेलवाल ने बताया कि सावन माह में ओंकारेश्वर ममलेश्वर ज्योर्तिलिंग की 10 चरणों में शामिल होने वाली 40 हजार मातृशक्ति की यात्रा के दूसरे दिन वृंदावन कॉलोनी चौराहे से 75 कालोनी की 72 से अधिक समाजों की मातृशक्ति परिवार सहित बसों और कारों से ओंकारेश्वर ममलेश्वर के लिए रवाना हुई, इसके पहले यात्रा ढोल धमाके के साथ निकली, इसमें महिलाएं झूमती नाचती हुई चली। यह यात्रा महामंडलेश्वर उत्तम स्वामीजी के सान्निध्य में निकाली जा रही है। कमलेश खंडेलवाल ने बताया कि शुक्रवार को यात्रा वृंदावन कालोनी से निकली जो ओंकारेश्वर ममलेश्वर पहुंची, वहां महिलाओं द्वारा पार्थिव शिवलिंग का निर्माण किया। यात्रा के अवसर पर शामिल होने वाली मातृशक्तियों ने ॐ नम: शिवाय का जाप किया। सभी मातृशक्तियों ने 20 लाख मंत्रों का जाप किया और ओंकारेश्वर में पार्थिव शिवलिंग का पूजन किया। उसके बाद श्रीमद् भागवत कथा में सम्मिलित होकर कथा का श्रवण किया, यह कथा विवेकानंद महाराज के मुखारविंद से हो रही है उन्होंने कहा कि ओंकारेश्वर में कथा सुनने से मोक्ष की प्राप्ति होती हैं। उसके बाद चुनरी यात्रा भी निकाली गई। महिलाओं ने मां नर्मदा को चुनरी अर्पित की। संस्था सृजन की ओंकारेश्वर ममलेश्वर की 185वीं यात्रा है। आज तक 184 यात्राओं के माध्यम से हजारों मातृशक्ति ने हर साल यात्रा में शामिल होकर पूण्य लाभ लिया है। इस बार यात्रा में शामिल होने वाली सभी माता बहनों का नाम मात्र के शुल्क पर विधिवत रजिस्ट्रेशन किए गए है। इसमें माता बहनों के बस द्वारा आने जाने की व्यवस्था सहित चाय नाश्ते ओर मालवा के प्रसिद्ध शाही दाल बाफले चूरमे की भोजन व्यवस्था रही। शनिवार को भी एक यात्रा नगीन नगर से रवाना हुई है।