मुरैना में लकड़ियों की जगह कपड़े जला रहे कर्मचारी:लोगों ने लगाया आरोप; नगर निगम कमिश्नर ने दिया कार्रवाई का आश्वासन

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सर्दी के मौसम में मुरैना नगर निगम ने लोगों के लिए अलाव की व्यवस्था की गई है। नगर के जिला अस्पताल, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और बाजार जैसे सार्वजनिक स्थानों पर लोगों को ठंड से राहत देने के उद्देश्य से यह व्यवस्था की गई है। लेकिन, शनिवार रात को जिला अस्पताल में लकड़ियों की बजाय नेकी की दीवार के कपड़ों जलते दिखे। स्थानीय लोगों ने इस घटना पर आक्रोश जताया है। शनिवार को जिला अस्पताल परिसर में पहुंचे नगर निगम के वाहन में लकड़ियों के साथ पुराने कपड़े रखे मिले। स्थानीय लाेगों ने बताया कि यह कपड़े टीम ने नेकी की दीवार से उठाए थे, जहां लोग जरूरतमंदों के लिए पुराने कपड़े छोड़ जाते हैं। कर्मचारी गाड़ी लेकर भागे नगर निगम ने जिला अस्पताल में मरीजों के अटेंडर को ठंड से बचाने के लिए अलाव की व्यवस्था की है। लेकिन वहां लकड़ियों की बजाए कपड़ों का उपयोग होता देख जब दैनिक भास्कर ने कर्मचारियों से सवाल किए, तो वे जवाब देने के बजाय गाड़ी लेकर वहां से निकल गए। आरोप- बाजार में बिक रही लकड़ी स्थानीय लोगों आरोप लगाया कि नगर निगम के कर्मचारी अलाव के लिए लाई जाने वाली लकड़ियों को बाजार में बेचकर मुनाफा कमा रहे हैं। इसी मुनाफे के कारण वह लकड़ी बचाने के लिए कपड़ों, पुराने टायर और अन्य सामग्री को जला रहे हैं। टायर और कपड़ों के जलने से न केवल पर्यावरण पर बुरा असर पड़ रहा है, बल्कि यह मानव स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक साबित हो सकता है। लोगों ने बताया कि मुरैना में ठंड के कारण सबसे ज्यादा परेशानी जिला अस्पताल, बाजार, रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर देखी जा रही है। मरीजों के अटेंडर, यात्री और राहगीर ठंड से बचने के लिए अलाव का सहारा लेते हैं। लोगों ने कहा- नगर निगम की जिम्मेदारी है कि वह पर्याप्त लकड़ियों की आपूर्ति सुनिश्चित करें, लेकिन कुछ कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रहे हैं। नेकी की दीवार का उद्देश्य बेअसर लोगों ने बताया कि नेकी की दीवार का उद्देश्य गरीबों को मदद पहुंचाना है। स्थानीय लोग अपनी सामर्थ्य अनुसार कपड़े वहां छोड़कर सामाजिक सहयोग देते हैं। लेकिन इन कपड़ों का इस तरह से दुरुपयोग होना चिंता का विषय है। लोगोंं ने दोषी कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। कमिश्नर ने दिया कार्रवाई का आश्वासन इस मामले पर नगर निगम कमिश्नर सत्येंद्र सिंह धाकड़ ने कहा, “नगर निगम के पास लकड़ियों की कोई कमी नहीं है। 1 क्विंटल या उससे अधिक लकड़ी जलाने के आदेश दिए गए हैं। मैं इस घटना की पूरी जानकारी लूंगा और दोषी कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”